राजस्थान के सबसे बड़े बांध पानी से भर गए लेकिन जालोर दो बांध अभी भी पड़े है सूखे

- इस वर्ष अब तक जसवंतपुरा में सर्वाधिक बारिश तो चितलवाना में सबसे कम वर्षा - जवाई गेज @ 49.80 फ़ीट

राजस्थान के सबसे बड़े बांध पानी से भर गए लेकिन जालोर दो बांध अभी भी पड़े है सूखे
jetpura dam

जालोर.
पिछले कुछ दिनों से चल रहे बारिश के दौर से जिले के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बारिश हुई है, जिला तरबतर हो चुका है। कई नदी नालों के उफान से रास्ते भी अवरुद्ध हुए हैं। प्रशासन ने भी दो बार एक-एक दिन स्कूलों की छुट्टियां भी रखी है। इसके बावजूद चौंकाने वाली बात है कि जिले के दो बांध अब भी बिल्कुल सूखे पड़े हैं। यह हैरान करने वाली बात है। इसके पीछे कारण क्या है यह भी हम आपको बताएंगे। जिले के बालसमंद व जेतपुरा बांध अब भी सूखे पड़े है। इन दोनों बांध में जल संसाधन विभाग के मुताबिक जीरो गेज तक का पानी भी नहीं आया है। इन दोनों बांधों के केचमेंट एरिया में भी अच्छी बारिश हुई है, लेकिन पानी आवक के रास्तों में कई प्रकार के बाधक बना देने से इन बांधों में पानी आसानी से नहीं पहुंच पा रहा है। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जेतपुरा बांध बनने के बाद एक बार तो टूट गया था, लेकिन उसके बाद पानी की आवक कम हो गई। सबसे बड़ी बात तो यह रही कि सिरोही जिले के मंडार व रेवदर क्षेत्र के गांवों में इस बांध का केचमेंट एरिया है। रायपुर, बड़वज, नंदगांव के आसपास के इलाकों में केचमेंट एरिया में एनीकट बने होने के कारण जेतपुरा जैसे बांध में अब पानी पहुंचना मुश्किल हो गया है।बीते 2 दिन में रेवदर व मंडार क्षेत्र में अच्छी बारिश होने के बावजूद पानी की आवक जेतपुरा बांध में नहीं हुई। यही हाल बालसमंद बांध के भी है। लिहाजा 5 मीटर के गेज वाले जेतपुरा बांध का गेज 25 अगस्त सुबह 8 बजे तक 0 गेज पर था। वहीं 2.52 मीटर के गेज वाले बालसमंद बांध का भी 0 गेज पर है। इन दोनों बांधों में पानी की आवक नहीं होने के कारण सूखे पड़े हैं।

बीते चौबीस घंटों में अर्थात 24 अगस्त सुबह 8 बजे से लेकर 25 अगस्त  सुबह 8 बजे तक के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जालौर में 21 एमएम, आहोर में 10 एमएम, सायला में 18, भीनमाल में 26, बागोड़ा में 16, जसवंतपुरा में 17,  रानीवाड़ा में 35, चितलवाना में 25 व  सांचौर में 30 एमएम बारिश दर्ज की गई है।

जसवंतपुरा में सर्वाधिक 799 एमएम बारिश
इसी प्रकार इस वर्ष सीजन में अब तक हुई बारिश के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो जसवंतपुरा में सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई है। वहीं  चितलवाना में सबसे कम बारिश दर्ज हुई है।जालौर में 731 एमएम, आहोर में 455, सायला में 426, भीनमाल में 708, बागोड़ा में 351, जसवंतपुरा में 799, रानीवाड़ा में 752, चितलवाना में 347 व  सांचौर में 468 मिलीमीटर बारिश दर्ज की जा चुकी है। ऐसे में देखा जाए तो औसत 50 सेंटीमीटर बारिश होने वाले जालोर जिले में इस बार औसत पार हो चुका है।

जिले के दो बांध सूखे पड़े
वहीं बांधों की बात की जाए तो जवाई बांध 25 अगस्त सुबह 10 बजे तक 49.80 फीट तक भर चुका था। वहीं जालौर जिले के चवरछा बांध में 1.25 मीटर बीठन बांध में 5.49 मीटर बाँडी सणधरा में 4.50 मीटर, वणधर बांध में 3.05 मीटर, खेड़ा सुमेरगढ़ में 3.35 मीटर, आकोली में 1.20 मीटर गेज पानी की आवक हो चुकी है। वहीं जेतपुरा व बालसमंद बांध अभी तक जीरो गेज पर ही पड़े हैं। इन दो बांधों में पानी की आवक नहीं हुई है।

इनका कहना है..
जिले के विभिन्न हिस्सों में अच्छी बारिश हुई है। जेतपुरा व बालसमंद बांध में अभी पानी की आवक नहीं हुई है। उनके कैचमेंट एरिया में कम बारिश कारण हो सकती है।
- वासुदेव चारण, अधिशासी अभियंता, जल संसाधन विभाग, जालोर