होमवर्क पूरा नहीं किया तो टीचर ने तीसरी कक्षा के बच्चे की आंख फोड़ी, अब तक हो चुकी दो सर्जरी, नहीं लौटी आंख की रोशनी

होमवर्क कम्प्लीट नहीं होने पर तीसरी क्लास के बच्चे को टीचर ने इतना पीटा की उसकी दायीं आंख खराब हो गई। दो बार उसकी सर्जरी भी हो चुकी है, लेकिन दिखाई नहीं देता। मामला जयपुर के जयसिंहपुरा खोर इलाके का है।

होमवर्क पूरा नहीं किया तो टीचर ने तीसरी कक्षा के  बच्चे की आंख फोड़ी, अब तक हो चुकी दो सर्जरी, नहीं लौटी आंख की रोशनी


डेस्क न्यूज़- होमवर्क कम्प्लीट नहीं होने पर तीसरी क्लास के बच्चे को टीचर ने इतना पीटा की उसकी दायीं आंख खराब हो गई। दो बार उसकी सर्जरी भी हो चुकी है, लेकिन दिखाई नहीं देता। मामला जयपुर के जयसिंहपुरा खोर इलाके का है। थाने के एसएचओ सत्यपाल ने बताया कि मोहम्मद नावेद का 8 साल का बेटा अली फजल गली नम्बर 2 जयसिंह नगर स्थित लिटिल डायमंड एकेडमी में पढ़ाई करता है। होमवर्क नहीं करने पर स्कूल की टीचर आयशा ने बच्चे के साथ मारपीट की। इससे उसकी आंख खराब हो गई है। घटना 3 नवंबर की है। मामला सोमवार रात को दर्ज कराया है।

होमवर्क नहीं किया तो टीचर ने मारा

'जब मैं स्कूल पहुंचा, मेरा होमवर्क कम्प्लीट नहीं था। आयशा मैम ने मुझे डंडे से मारा, मैं बचने की कोशिश करने लगा। इस दौरान मेरी आंख में लग गई। मैं रोने लगा। मैंने कहा- मेरी मम्मी को बुलाओ। इसके बाद मेरे मम्मी-पापा मुझे अस्पताल लेकर गए। अब मुझे दिखता नहीं है।'
 
स्कूल वालों ने झूठ बोला

नावेद ने पुलिस को बताया कि 3 नवंबर को उसके पास स्कूल से फोन आया कि बेटा अचानक बीमार हो गया। सारे काम छोड़कर स्कूल गया तो बेटा प्रिंसिपल के कमरे में बैठा-बैठा रो रहा था। उसकी एक आंख पर सूजन आ रही थी। पूछा तो बच्चा रोने लगा और लिपट गया। स्कूल वालों ने कहा कि वैसे ही चोट लग गई। पिता बच्चे को लेकर तुरंत अस्पताल पहुंच गया। पता चला कि एक आंख में अंदर चोट लगी है। इलाज कराया गया, लेकिन उसके बाद भी आंख से दिख नहीं पा रहा है।
 
दो महिने में दो बार हो चुकी सर्जरी

बच्चे की मां अलवीना ने बताया- बेटा दो महीने से स्कूल नहीं जा रहा है। आंख में इतनी गंभीर चोट है कि अंदर के अंगों में 12 टांके आए हैं। दो महीने में दो सर्जरी हो चुकी है। अभी तक आंख की रोशनी नहीं आई है। बच्चे का हाथ थामकर सारे काम करा रहे हैं। अभी तो तीसरी सर्जरी होनी है। फरवरी के शुरुआती सप्ताह में उसकी तारीख दी गई है। डॉक्टर का कहना है कि रोशनी लौटेगी या नहीं, इस बारे में फिलहाल कुछ कहा नहीं कहा जा सकता है। छोटे से बच्चे के भविष्य पर ही अंधेरा छा रहा है।

नहीं है अब इलाज करवाने के पैसे

अली फजल की आंख का दो बार ऑपरेशन हो चुका हैं। उसके बाद भी अभी तक उसकी आंख में कोई फर्क नहीं आ रहा है। बच्चे के पिता मोहम्मद नावेद नगीनों की घिसाई का काम करते हैं। मां घर पर सिलाई करती है। दोनों ऑपरेशन में 50 से 70 हजार रुपए तक खर्च कर चुका है। घरवालों का कहना है कि अब उम्मीद खत्म हो चुकी है। उनके पास इलाज कराने का पैसा भी नहीं हैं।
 
एसएचओ सत्यपाल ने बताया कि मामले की जांच की जा रही है। बच्चे की आंख काफी डैमेज हो चुकी है। पूछताछ में टीचर ने बताया कि खेलने के दौरान आंख में लगी है। टीचर के बयानों पर भी काम किया जा रहा है।

न्यूज़ सोर्स- दैनिक भास्कर

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