चेक बाउंस होने पर कोर्ट ने बिल्डर पर लगाया 5.6 करोड़ का जुर्माना, दो साल की हुई जेल
हाराष्ट्र के ठाणे शहर में एक बिल्डर को चेक बाउंस के दो मामलों में दो साल की कैद और 5.6 करोड़ रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। दो मामलों में क्रमशः 2.55 करोड़ रुपये और 25 लाख रुपये के चेक शामिल हैं। जिसके बाउंस होने के मामले में कोर्ट ने कुल राशि का दोगुना जुर्माना लगाया है।
डेस्क न्यू़ज़- महाराष्ट्र के ठाणे शहर में एक बिल्डर को चेक बाउंस के दो मामलों में दो साल की कैद और 5.6 करोड़ रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। एक अधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि दो मामलों में क्रमशः 2.55 करोड़ रुपये और 25 लाख रुपये के चेक शामिल हैं। जिसके बाउंस होने के मामले में कोर्ट ने कुल राशि का दोगुना जुर्माना लगाया है।
दो चेक हुए थे बाउंस
दरअसल, बिल्डर ने अपने वकील को दो अलग-अलग चेक दिए थे। इनमें एक चेक 2.55 करोड़ रुपये का था और दूसरा चेक 25 लाख रुपये का। वकील ने जब ये चेक कैश कराने के लिए अपने बैंक में लगाए तो ये बाउंस हो गए। जिसके बाद बिल्डर से संपर्क किया गया। लेकिन पैसा नहीं मिल सका। वकील ने मामले को लेकर कोर्ट में केस फाइल किया। जिस पर बिल्डर पर सख्त कार्रवाई हुई है। मामले की सुनवाई करते हुए मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट एसबी काले ने 12 दिसंबर को बिल्डर पर सख्त कार्रवाई करते हुए ये आदेश दिया था। न्यूज एजेंसी के मुताबिक कोर्ट के आदेश का विवरण शनिवार को उपलब्ध कराया गया है। उन्होंने कहा कि कानूनी सेवाओं के लिए दिए गए चेक बाउंस होने के बाद 68 वर्षीय बिल्डर के ठाणे स्थित वकील द्वारा मामला दायर किया गया था।
चेक बाउंस होने पर है सजा का प्रावधान
बता दें कि चेक बाउंस होने की स्थिति में बैंक अपने ग्राहक से जुर्माना वसूलते हैं। ये जुर्माना अलग-अलग होता है। वहीं इसे भारत में एक अपराध माना जाता है और ऐसी स्थिति में चेक बाउंस नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट एक्ट, 1881 के मुताबिक चेक देने वाले व्यक्ति पर मुकदमा चलाया जा सकता है। इस पर उसे 2 साल तक की जेल या चेक में भरी राशि का दोगुना जुर्माना या दोनों लगाया जा सकता है। हालांकि ये उसी स्थिति में होता है जब चेक देने वाले के अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस न हो और बैंक चेक को डिसऑनर कर दे।
न्यूज़ सोर्स - आज तक
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